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DAD ( the relation)

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पिता  की  एहमियत  पिता है तो जहान है  पैरों की जमीन सर का आसमान है  पिता है तो माँ का सुहाग है जो परिवार की खुसी के लिए करता त्याग है पिता है तो घर में रोटी है उसके साथ हर मुश्किल छोटी हैँ पिता है तो सारे सपने है सारे बड़े बड़े ख्वाब अपने है पिता है तो घर समन्दर है उसके बिना हर घर बंजर है  पिता है तो घर की नीब है उसके बिना पूरी दुनिया अजीब है होता है वो क्यों खुसनसीब जिनका जिनका आज बाप है तू जा के उनसे पूछ ले जो आज भी अनाथ है फ़कीर की लकीर में भी साथ उसका बाप है तू जा के उनसे पूछ ले जो आज भी अनाथ है पिता क्या है? रागों में जिसका रक्त है मिज़ाज जिसका सख्त है  खुसी को पूरा करने में लगाता जो न वक़्त है ( पिता का खून हमारी रगों में है और उनका मिज़ाज भी थोडा सख्त होता है वो अपना प्यार ज़ाहिर नहीं करते पर हमारी खुसी को पूरा करने में ज़रा भी वक़्त नहीं लगाते ) रात में चाँद सा दिन में किरणों सा दुःख में बाँध सा खुसी में लहरों सा कदम जो पढ़ता तपती धुप में  बनता वो जूता औलाद के पैरों का  ( हर मुश्किल मे...